#Cyber Frauds

महाकुंभ मेले में डिजिटल ठगों का खतरा।

13 जनवरी से लेकर महाशिवरात्रि २०२५ तक  प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में शुरू हो रहा महाकुंभ मेला, आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से ऐतिहासिक अवसर है। इस मेले में 40-45 मिलियन श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। लेकिन जहाँ यह मेला भक्तों के लिए धार्मिक यात्रा है, वहीं डिजिटल ठगों के लिए यह धोखाधड़ी का सुनहरा मौका बन गया है।

डिजिटल धोखाधड़ी का नया चेहरा

ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर आवास और सेवाओं का झांसा दे रहे हैं। कई लोग पहले ही इन धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं, नकली बुकिंग के लिए भुगतान कर चुके हैं। इसके अलावा, फिशिंग, रैनसमवेयर, और डिनायल ऑफ सर्विस (DoS) जैसे साइबर हमले इस मेले को बाधित कर सकते हैं।

Aon की अपूर्वा गोपीनाथ के अनुसार, मेले के दौरान बड़ी मात्रा में एकत्रित डेटा साइबर अपराधियों के लिए आकर्षक बनाता है। संवेदनशील व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को जोखिम में डाला जा सकता है।

श्रद्धालुओं को निशाना बनाने वाले सामान्य साइबर घोटाले

१. फर्जी वेबसाइटें: नकली वेबसाइटों के माध्यम से बुकिंग के लिए पैसे लेकर लोगों को धोखा देना।

२. फिशिंग हमले: ईमेल या संदेश के जरिए व्यक्तिगत डेटा प्राप्त करना।

३. व्हाट्सएप घोटाले: नकली ऑफर देकर भुगतान मांगना और फिर गायब हो जाना।

४. पब्लिक वाई-फाई का दुरुपयोग: भुगतान डेटा चुराने के लिए सार्वजनिक नेटवर्क का उपयोग।

सरकार की तैयारी

उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस ने महाकुंभ मेले के दौरान साइबर अपराध रोकने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। प्रयागराज में एक साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञ चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं। साइबर अपराध की शिकायत 1930 नंबर पर की जा सकती है।

श्रद्धालुओं के लिए सुझाव

Quick Heal Technologies के सीईओ विशाल साल्वी ने सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग न करने की सलाह दी है। उन्होंने निगरानी सिस्टम की कमजोरियों के प्रति भी चेताया।

१). संदिग्ध लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें।

२). बुकिंग वेबसाइटों की पुष्टि करें।

३). केवल सुरक्षित नेटवर्क पर लेनदेन करें।

राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से साइबर खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर अपराधियों का उद्देश्य केवल वित्तीय धोखाधड़ी नहीं हो सकता। उनका लक्ष्य दहशत फैलाना या गलत सूचना देना हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एन.एस. नप्पिनाई ने मेले में उच्च स्तरीय साइबर सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है।

महाकुंभ मेला न केवल आस्था की परीक्षा है बल्कि साइबर सुरक्षा का भी कड़ा इम्तिहान है। सावधानी और जागरूकता से इस ऐतिहासिक आयोजन को सुरक्षित बनाया जा सकता है।

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